lIrkg dk lans`k !

Transcript

lIrkg dk lans`k !
lIrkg dk lans'k !
जनवHर 2016 (3)
tSd iwuu
मसीह के शर1र म$ परमेर Yारा ठहराया गया एक )व)वधता है
परमेर हमारे अलग अलग ःवभाव और उपहार का उपयोग करते है क दुिनया को मसीह का एक संतुिलत तःवीर पेश हो।
अपने म$, हम म$ से ू'येक (य)* अपनी उ+म यो,यता म$ भी, केवल एक )वकृ त और असंतुिलत मसीह के छ)व को
ूदिश.त कर सकते है । कसी भी एक (य)* क/ सेवकाई, ःवयं म$, असंतुिलत मसीह1 का ह1 उ'पादन कर सकती है ।
हम$ आभार1 होनी चाहए क मसीह1 शर1र म$ दस
ू रे लोग है 5जनके िभ7न ज़ोर और िभ7न ःवभाव है । उदाहरण के
िलए, यद दो भाई परमेर के वचन को, एक ह1 समूह के साथ बाट रहे है । और एक यह दबाव दे रहा है , "इतने
िन5?त न रहो क आप, प)वऽ आ'मा से भर रहे हो Aयक हो सकता है क आप अपने आप को धोखा दे रहे है ”,
और दूसरे भाई का यह दबाव है , "आपको िन5?त Dप से यह जानना चाहए क आप प)वऽ आ'मा से भरे है या
नह1ं", सतह पर वे, एक दस
ू रे के )वरोध ूतीत हो सकते है । लेकन दोन दबाव क/ जDरत है - ताक दोन सेवकाई
परःपर पूरक हो सके, एक दस
ू र1 क/ सहायता कर सके।
मसीह के शर1र म$, कल)विनःट और अमFिनय7स एक साथ काम कर सकते हG , ू'येक अपने )विश लेकर आए - Aयक दोन
नजHरयाँ बाइ)बल म$ हG । चाJस. िशमोन ने एक बार कहा था," सच बीच म$ नह1ं है , और एक चरम म$ नह1ं है , लेकन
दोन चरम म$ हG ।" तो, हम$ जDरत है लोग क/ जो दोन के चरम पेश करे ।
फर से,
`िनवत.मान'
(य)*'व वाले लोग के साथ संकोची लोग रह सकते है । अलग ःवभाव परःपर पूरक हो सकते
है । कुछ लोग अित-सावधान होते है ; )बना अिधक )ववेचना के, वे एक कदम भी आगे नह1ं लेते, वे सभी
`पN-)वपN'
को वजन लगाते है , और एक कदम लेने के िलए, लंबे समय को लेते है । और कुछ ऐसे है जो अिधक लापरवाह हG
और उ'साह से आगे भागते जाते हG , ये पHरणाम के बारे म$, गहराई से नह1ं सोचते। Aयक यह दोन (और अ7य)
(य)*'व के लोग, मसीह के शर1र म$ पाए जाते हG , इस कारण से, वहाँ एक संतुलन है । यद मसीह के शर1र म$
केवल संकोची, गहर1 सोच (य)*'व वाले लोग होते हG , तो ूगित बहुत धीमी गित से होती। इसके )वपर1त, यद
शर1र केवल अ)ववेक/ उ'साह1 से भरे होते, तो कई पHरयोजनाएं अधूर1 ह1 रहती।
ू'येक ःवभाव क/ अपनी श)*यां और कमजोHरयां है । लोग म$ और उनके ःवभाव म$ )व)वधता, ऐसे मसीह1
िमलकर जब काम करते है तो एक अिधक पूण. और अिधक पHरशुR तःवीर दिु नया को पेश कर सकते हG । इसिलए
हम$ मसीह के शर1र के हर कसी को अपने समान बनाने क/ कोिशश म$ समय बबा.द नह1ं करना चाहए। हम$ हर
एक (य)* को ःवयं होने क/ अनुमित दे नी चाहए। हम$ इस बात पर Sयान करना चाहए क कैसे हमार1 ताकत
दस
ू रे क/ कमजोHरय का समथ.न कर पाए। उसक/ ताकत बदले म$ हमार1 कमजोHरय का समथ.न करे गी।
एक साथ काम करके, पतरस और यूह7ना (अलग ःवभाव के पुTष) ने परमेर के िलए अिधक महमा लेकर आए,
इनके ःवतंऽ Dप से काम करने से Vयादा। पौलुस और ितमुिथयुस- )बलकुल )विचऽ ःवभाव के (य)* - सुसमाचार
के ूचार म$ एक साथ ौम कर सकते थे और एक श)*शाली समूह का िनमा.ण कर सकते थे।
पृ : 1
© Zac Poonen (2013)
www.cfcindia.com/hindi
कलीिसया म$ ूितभाशाली बु)Rमान लोग के साथ ह1 साथ मंदबु)R लोग भी रहते हG । ःवाभा)वक Dप से, परमेर क/ स[चाई
क/ उनक/ ूःतुितयां अलग अलग हगे। लेकन एक समूह दस
ू रे को तु[छ या उनक/ आलोचना नह1ं कर सकते, दोन
क/ समान Dप से शर1र म$ जDरत है , 5जससे क/ सुसमाचार का पदश.क इस दिु नया को िमले जो बु)Rजी)वय और
गैर-बु)Rजी)वय, दाश.िनक और गृह5णय, छाऽ और कसान, आद से भर1 है । परमेर को अपने काम के िलए
एक ूितभाशाली और शाॐी पौलुस क/ जDरत थी। साथ ह1 साथ पतरस क/ तरह एक अिश5Nत मछुआरे क/ भी।
उनम$ एक ह1 संदेश को )विभ7नता म$ उपदे श करने क/ शैली थी, लेकन हर एक क/ )विश भाग िनभाने के िलए
थी, और कोई भी एक इतने यो,यता से, दस
ू रे के काम को न कर पाते जैसा क परमेर ने कया था।
यीशु को महण करने के साथ उस (य)* के बौ)Rक Nमता म$ पHरवत.न नह1ं होता। न तो यह उ7ह$ उसक/ सामा5जक
5ःथित को बदलने के िलए मजबूर करता है । सुसमाचार इस धरती पर समा5जक )वषम ूकृ ित को नह1ं िमटाती,
हालांक सामा5जक भेद अभी मसीह म$ (यथ. हो जाती है । परमेर को एक अमीर (य)* फलेमोन क/ जDरत थी,
साथ-साथ उनेिसमुस क/, जो फलेमोन के घर म$ एक नौकर था। उनका सामा5जक ःतर और जीवन ःतर
अपHरवित.त रहा। लेकन ू'येक म$ मसीह के शर1र को बनाने के िलए एक )विश योगदान था, 5जसे अ7य कभी
नह1ं कर सकता था। और इसिलए वे सुसमाचार म$ एक साथ ौम कर सकते थे।
परमेर क/ इ[छा यह कभी नह1ं थी क मसीह के शर1र म$ लोग हर तरह से )बJकुल एक जैसे होते - एक
कारखाने के बाहर मोटर कार क/ तरह। नह1ं । शर1र क/ सेवकाई अपने सदःय के )व)वधता पर िनभ.र है । हम म$
ठहराव और आSया5'मक मौत हो गया होता अगर सब एक जैसे होते। यहां तक क एक दस
ू रे के ूित हमारे
असहमित, परमेर Yारा ूयोग कया जा सकता है क हमारे संगित म$ गहराई और हमारे आSया5'मक पHरपAवता
के िलए नेत'ृ व लेकर आए। नीितवचन
27:17
म$ कहां गया है , जैसे लोहा लोहे को चमका दे ता है , वैसे ह1 मनुंय
का मुख अपने िमऽ क/ संगित से चमकदार हो जाता है । िचंगार1 तो आने ह1 वाली हG , लेकन इस तरह से लोहे
के दोन टु कड़े तेज हो रहे हG ।
कभी कभी परमेर दो अलग ःवभाव के लोग को साथ िमलाकर अपने काम म$ लेकर आते है , और जैसे वे साथ म$
ौम करते है , उनके दोन के बीच म$ िचंगार1 उड़ सकते है , लेकन यह तर1का परमेर क/ हो सकती है क वे
“तेज”
हो जाए। यद एक (य)* लोहे के तरह और दस
ू रा िमaट1 क/ तरह है , वहाँ कोई िचंगार1 और कोई तेज़ नह1ं होगा।
इसके बजाय वहां िमaट1 पर लोहे क/ छाप होगी - एक मजबूत इ[छाश)* वाले (य)* क/ राय कमज़ोर इ[छाश)*
वाले (य)* पर। परमेर क/ इ[छा यह नह1ं है क एक (य)* दूसरे पर अपने )वचार दबाए, लेकन दोन एक-दूसरे
से सीखे। हम असहमत हो सकते हG , लेकन हम अभी भी एकता म$ बंधे हो सकते है , और अभी भी एक दूसरे से
ूेम कर सकते है - और यह1 नह1ं, हम पहले क/ तुलना म$ एक दस
ू रे से अिधक गहराई से ूेम कर सकते हG ।
पृ : 2
© Zac Poonen (2013)
www.cfcindia.com/hindi

Documenti analoghi

lIrkg dk lans`k !

lIrkg dk lans`k ! दे खा; )य* क वे मछुवे थे। और यीशु ने उन से कहा; मेरे पीछे चले आओ; म2 तुम को मनुंय* के मछुवे बनाऊंगा” (मरकुस 1:16,17)। गलील के तट* पर सैकड़* मछुआर$ थे। उ ह*ने उन सभी को नह@ं बुलाया। उ ह*ने केवल चार ह...

Dettagli

महंग ा होगा घर बनाना

महंग ा होगा घर बनाना आयोमजत बैठक िं वन षेरामिकारी ह्वानी चंदन मसंह अमिकारी ने पयाावरण ्व्छता िं सहयोग का आवान मकया। राि ििान िोमलया ने पौिा रोपा। साथ ही 300 ुपये िमत वृष की एििीआर मिलने की जानकारी दी। इस दौरान मि्टी रं...

Dettagli

आतंक ी हाशिज सईद का शववटर अकाउंट चला

आतंक ी हाशिज सईद का शववटर अकाउंट चला जो ककया है, उसे देखते ुए वह अब तक के सबसे बड़े चोरं मं से एक है। वह अमेकरका के साथ जो कर रहा है, उसे ऐसा करते रहने की इजाजत नहं दे सकते। एजंसी डेमोरेट मं हिलेरी सबसे आगे

Dettagli